श्री कृष्ण के अनमोल वचन और सुविचार

क्या आप भगवान श्री कृष्ण के अनमोल वचनों और सुविचारों की खोज में हैं? यदि हाँ, तो आप सही जगह पर आए हैं! इस ब्लॉग पोस्ट में, हम श्री कृष्ण के 50 अनमोल वचन और सुविचार प्रस्तुत कर रहे हैं, जो जीवन जीने की कला सिखाते हैं।

भगवान श्री कृष्ण को हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। उनका जीवन कर्म, प्रेम, त्याग और ज्ञान का अद्भुत संगम था। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक अनमोल वचन कहे जो आज भी प्रासंगिक हैं।

श्री कृष्ण का जन्मदिन हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है, जो हिंदू चंद्र-सौर कैलेंडर के अनुसार अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में आता है।

आइए, भगवान श्री कृष्ण के इन अनमोल वचनों और सुविचारों को जानें और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।

भगवान श्री कृष्ण के 50 अनमोल वचन और सुविचार

जीवन ना तो भविष्य में है और ना ही अतीत में,
जीवन तो बस इस पल में है , केवल इस पल में।

जीवन में आधे दु:ख इस वजह से आते है,
क्योंकि हमने उनसे आशाएं रखी जिनसे हमें नहीं रखनी चाहिए थी।

श्री कृष्ण कहते हैं, जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है,
जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना,
इसलिए जो अपरिहार्य है, उस पर शोक मत करो।

राधा ने श्री कृष्ण से पूछा, प्यार का असली मतलब क्या होता है?
श्री कृष्ण ने हँस कर कहा, जहाँ मतलब होता है, वहाँ प्यार ही कहाँ होता है।

जीवन एक नदी की तरह है, जो लगातार बहती रहती है।

तुम्हारे कर्म तुम्हारे भाग्य को निर्धारित करते हैं।

राधा कृष्ण का मिलना तो बस एक बहाना था,
दुनिया को प्यार का सही मतलब समझाना था।

भरोसा अगर खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और दूसरों पर रखो तो कमज़ोरी बन जाती है,
आप कब सही थे इसे कोई याद नहीं रखता है,
लेकिन तुम कब गलत थे इसे सब लोग याद रखते हैं।

मैं किसी के भाग्य का निर्माण नहीं करता और ना ही किसी के कर्मों के फल देता हूँ।

प्रेम और आस्था दोनों पर किसी का जोर नहीं, ये मन जहाँ लग जाए वहीं ईश्वर नजर आता है।

जिंदगी में सब कुछ ख़त्म होना जैसा कुछ भी नहीं होता,
हमेशा एक नई शुरुआत हमारा इंतजार कर रही होती है।

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है,
जैसा वह विश्वास करता है, वैसा वह बन जाता है।

आत्मा अजर-अमर है,
इसका न जन्म होता है, न मृत्यु।

जो हुआ अच्छा हुआ,
जो हो रहा है अच्छा हो रहा है,
जो होगा वह भी अच्छा ही होगा।

जब-जब धर्म की हानि होगी और अधर्म का उत्थान होगा,
तब-तब मैं अवतार लेकर आऊंगा।

मनुष्य अपने कर्मों से महान बनता है, जन्म से नहीं।

जीवन में जब कोई संकट आता है,
तब उसमें मनुष्य का धैर्य और आत्मबल ही उसकी रक्षा करता है।

सच्चा योगी वह है जो किसी प्राणी को पीड़ा नहीं देता
और सबके प्रति समभाव रखता है।

जो अपने मन को वश में कर लेता है,
वह सभी दुश्मनों को हरा सकता है।

जो अपने स्वभाव से परे जाकर अपने धर्म का पालन करता है,
वही महान कहलाता है।

अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है।

जो व्यक्ति अपने धर्म के मार्ग पर अडिग रहता है,
वह जीवन में कभी हार नहीं मानता।

मनुष्य के लिए सबसे बड़ा युद्ध अपने स्वयं के अज्ञान के साथ होता है।

अपने स्वभाव के विपरीत काम करने से मनुष्य की आत्मा दुखी होती है।

सच्चा ज्ञान वही है,
जो व्यक्ति को आत्मा की पहचान कराता है।

सच्चे भक्त की पहचान उसके कर्मों से होती है,
न कि उसके उपवास या तपस्या से।

हर मनुष्य को अपने कर्मों का फल अवश्य मिलता है,
चाहे वह अच्छा हो या बुरा।

मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अहंकार है।

सच्चा सुख वही है, जो आत्मा को शांति दे।

जीवन में कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता,
उसकी महत्वता उसके पीछे के भाव में होती है।

सच्चा ज्ञान वही है,
जो मनुष्य को आत्मा की पहचान कराता है।

मोह और माया से दूर रहना ही सच्चा योग है।

सच्चा प्रेम वही है,
जो किसी स्वार्थ के बिना हो।

मनुष्य का सबसे बड़ा गुरु उसका अनुभव होता है।

सच्ची भक्ति वही है,
जो बिना किसी अपेक्षा के की जाए।

जीवन में धैर्य और संयम सबसे बड़े गुण हैं।

जो अपने मन को वश में कर लेता है,
वह सभी दुश्मनों को हरा सकता है।

मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अज्ञान होता है।

सच्चा प्रेम वही है,
जो किसी स्वार्थ के बिना हो।

प्रेम और आस्था दोनों पर किसी का जोर नहीं,
ये मन जहाँ लग जाए वहीं ईश्वर नजर आता है।

अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव
तीनों ही समाप्त हो जाते हैं।

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला
पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।

यदि आप किसी के साथ मित्रता नहीं कर सकते हैं,
तो उसके साथ शत्रुता भी नहीं करना चाहिए।

जो दूसरों की तकलीफों को समझते हैं,
जिनमें दया है, दिल से अच्छे हैं, उन्हें दोबारा जन्म लेना नहीं पड़ता।

मनुष्य को जीवन में श्रेष्ठ बनने का प्रयास अवश्य करना चाहिए,
परन्तु जीवन में हमेशा उत्तम ही रहना चाहिए।


भगवान श्री कृष्ण के अनमोल वचन और सुविचार सदियों से लोगों को प्रेरित और मार्गदर्शन दे रहे हैं। ये वचन जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उनके गहन ज्ञान को दर्शाते हैं। कर्म, प्रेम, त्याग, ज्ञान और जीवन के उतार-चढ़ावों से निपटने के बारे में उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट में हमने उनके 50 अनमोल वचनों और सुविचारों को साझा किया है। उम्मीद है कि आपने इन वचनों का आनंद लिया होगा और ये आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में आपकी मदद करेंगे।

आप इन वचनों पर मनन कर सकते हैं और उन्हें अपने दैनिक जीवन में लागू करने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसा करने से आप अपने जीवन को अधिक सार्थक और सुखी बना सकते हैं।

जय श्री कृष्ण!

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Shiv Kumar

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